Home remedies to avoid heart attack/हार्ट अटैक और उससे बचने के घरेलू उपाय



Home remedies to avoid heart attack 
हार्ट अटैक और उससे बचने के घरेलू उपाय
                                

  
  पिछले एक दशक में महिलावों में दिल की बीमारियों के मामले पाँच गुना तक बढ़ गए हैं| पहले बीमारियों को उम्र के साथ जोड़ा जाता था, लेकिन अब बीमारियाँ जीवनशैली से जुड़ गई हैं| बदलती जीवनशैली के कारण, महिलाएं भी तेजी से उन बीमारियों की चपेट में आ रही हैं, जिन्हें पहले पुरुषों के साथ जोड़ा जाता था| आइए जानते हैं की कैसे आप घरेलू तरीको से अपने दिल को संभालकर रख सकती हैं—
 जीवनशैली बदली है और साथ ही बदली है जीवनशैली से जुड़ी बीमारी होने की उम्र| महिलाएं अब तेजी से दिल से जुड़ी बीमारियों की चपेट में आ रही हैं| लगातार मैदा,चीनी और नमक का सेवन बढ़ा है| महिलाएं भी अब कामकाजी हों गई हैं, इससे उनमे तनाव का स्तर बढ़ा है| बढ़ते तनाव के कारण मेनोपाज़ अब समय से पहले होने लगा है| मेनोपाज़ पहले होने के कारण शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जो महिलावों में हार्टअटैक के लिए एक सुरक्षा कवच का काम  करता है| पुरुषों में हार्टअटैक के मामले इसलिए अधिक देखे जाते थे, क्योंकि उनमें एस्ट्रोजन नहीं होता है| लेकिन  मेनोपाज के कारण ओवरी काम करना बंद कर देती है और एस्ट्रोजन का निर्माण होना बंद हो जाता है| यही  वजह है की मेनोपाज़ के बाद महिलावों और पुरुषों मे हार्टअटैक का खतरा एक समान होता है|
 Why would heart attack             
होता क्यों है हार्टअटैक
          
  दोस्तों हार्टअटैक क्यों होता है? जब हृदय की मांसपेशियों तक खून पहुँचने वाली धमनियाँ या तो पतली हो जाती हैं या उनमें खून का थक्का जम जाता है| ऐसा  होने से हृदय की मांसपेशियों को भोजन व ऑक्सीज़न नहीं मिल पाता और वो मरने लगती हैं| कमजोर पड़ा हृदय शरीर में रक्त प्रवाह को कायम नहीं रख पाता और  जान जाने का खतरा पैदा हो जाता है| इस पूरी प्रक्रिया को हार्टअटैक आना कहा जाता है|
 अब तक हार्टअटैक को बुजुर्गों  की बीमारी कहा जाता था, लेकिन अब यह तेजी से युवाओं की बीमारी बनती जा रही हैआज हृदय रोगों से ग्रस्त होने की  औसत उम्र 40 से घट कर 30 वर्ष हो गई है| जीवनशैली में आ रहा बदलाव इस बीमारी को और बढ़ा रहा है| हृदय से जुड़ी अधिकतर बीमारियों का सबसे प्रमुख कारण ब्लड प्रेशर का अधिक होना हैदिल को बीमार बनाने में कोलेस्ट्रॉल और रक्त में शुगर उच्च स्तर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है|

 Heart attack rising among women            
महिलावों में बढ़ रहा हार्टअटैक
                     
                    
  आधुनिक जीवनशैली और कैरियर की वजह से उपजे तनाव के चलते आज कल महिलाएं भी बड़ी तेजी से दिल  की बीमारियों का शिकार हो रही हैं| चिकित्सकों के अनुसार महिलावों में फ़ीमेल हार्मोन दिल की बीमारियों में एक रक्षाकवच का काम करता है, किन्तु बदलती जीवनशैली व कैरियर संबंधी तनाव के चलते युवा अवस्था में ही हार्मोन का स्तर घटने लगता हैयही कारण है की महिलावों में हार्टअटैक तेजी से बढ़ रहा है तथा महिलाएं बड़ी संख्या में इस बीमारी से मौत का शिकार हो रही हैं| कुछ वर्षों पहले जहां हार्ट अटैक से  मरने वाले पुरुषों और महिलावों का अनुपात 10:2 था, वहीं अब यह अनुपात बढ़ कर 10:7 हो गया हैअगर महिलावों में हार्टअटैक के मामले इसी तेजी से बढ़ते रहे, तो बहुत जल्दी यह अनुपात एक समान हो जाएगा|
 आंकड़ों की मानें तो हृदय रोगों से मरने वाली महिलावों की संख्या पूरी दुनिया में पुरुषों से ज़्यादा होती है| इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह होती हैं| वे अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेती हैं और बीमारी की चपेट में आने के बाद भी इलाज को लेकर सक्रियता नहीं दिखाती| जब तक  चिकित्सकीय सहायता उन तक  पहुँचती है, तब तक बीमारी घातक स्तर तक पहुँच चुकी होती है|
    
What is silent heart attack         
 क्या होता है साइलेंट हार्टअटैक
   जब हार्टअटैक के पहले उसका कोई  लक्षण नजर ना आए तो  उसे सायलेंट हार्टअटैक कहते हैं| मरीज को दिल का दौरा पड़ने का एहसास भी नहीं होता, इसलिए डाक्टरी सहायता मिलने में देर हो जाती है| इस कारण ह्रदय की मांसपेशियों को हुआ नुकसान जीवन गवाने का कारण बन सकता है| करीब 25%से 30% हार्टअटैक साइलेंट होते हैं, और महिलावों को पुरुषों की तुलना में साइलेंट हार्टअटैक ज़्यादा होता है| महिलावों में हार्टअटैक के लक्षण अधिक सूक्ष्म होते हैं| यही वजह है की जब महिलाएं डाक्टर के पास जाती हैं, तब तक उनके दिल को बहुत नुकसान हो चुका होता है|
                 
       क्या कहते हैं आंकड़े /What the figures say      
    1- आंकड़े कहते हैं कि अस्पताल मे हार्टअटैक से मरने वाली महिलावों की तादात पुरुषों के मुक़ाबले 12 फीसदी अधिक होती है|
 2- जो लोग धूम्रपान करते हैं उनमें हार्टअटैक का खतरा 3 से 6 गुना तक बढ़ जाता है| नियंत्रित जीवनशैली से कम से कम 80%मौतों को ताला जा सकता है|
 3- पश्चिमी देशों  में 40 साल से कम उम्र के 4-5% लोगों को हार्टअटैक होता है, जबकि भारत में इस उम्र के 15-16% लोग हार्टअटैक की चपेट में आते हैं|
 4- स्तन कैंसर से अगर 4 में से 1 महिला की मौत होती है, तो हृदय रोग की शिकार 2 में से एक महिला की जान चली जाती है|
 5- एक शोध के मुताविक भारतीय महिलावों की धमनियाँ पुरुषों के मुक़ाबले संकरी होती हैंइसलिए उनके हृदय रोग की चपेट में आने की आशंका अधिक होती है|
 6- दुनिया के करीब 27 फीसदी वयस्क उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हैं, और हृदय रोग की शुरुवात उच्च रक्तचाप से होती है|
 7- भारत में होने वाली मौतों में हर साल 19% मौतों का कारण दिल का दौरा रहा है|
 8- तनाव हार्टअटैक की आशंका को 15-20% तक बढ़ा देता हैयही कारण है, भारत में यह बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रहा है|

Home remedies to avoid heart attack         
हार्टअटैक से बचने के घरेलू उपाय
  जबकि हार्टअटैक की बीमारी बढ़ती जा रही है, कुछ घरेलू बातों का ख्याल रख कर और अपने खान-पान में सुधार करके इससे बचा जा सकता है—
              (क)- इन बातों का रखें ध्यान/Keep these things in mind

 - पौष्टिक और संतुलित भोजन करें| दिन भर में कुछ तनाव रहित पल सिर्फ अपने लिए निकालें|
 - वजन न बढ्ने दें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें| मोटापा बढ्ने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी तेजी से बढ़ता है|
 - तनाव को नियंत्रित रखेंध्यान करें, अनुलोम-विलोम भी हृदय के लिए बहुत अच्छा होता है| हर दिन थोड़ा ही सही पर व्यायाम जरूर करें|
 - छाती में बेचैनी और भारीपन महसूस होने को हल्के में न लें| छाती में दर्द के साथ अगर सांस फूले तो यह खतरे का संकेत है|
 - वैसे पसीना आना कोई बीमारी या बुरी बात नहीं है पर अगर आपको बेतहासा पसीना आता हो तो डाक्टर से तुरंत संपर्क करें|
 - अगर आपको लगातार चक्कर आए तो इसे सिर्फ थकान या कमजोरी न मानें| अच्छा खाने और भरपूर सोने के बाद भी  अगर थकान महसूस हो तो इसे हल्के में न लें| धमनियां संकरी हो जाने पर भी इस तरह की परेशानी हो जाती है|
 - बाहों का सुन्न हो जाना भी हृदय रोग का संकेत है|
 - बोलने में जबान लड़खड़ाना भी हार्टअटैक का गंभीर लक्षण है|
इन छोटे-छोटे संकेतों को अनदेखा न करें, तुरंत डाक्टर से सलाह लें|
       
(ख)- सही खाएं, दिल को बचाएं/Eat right save heart

  यदि अपने खान-पान को उचित रखें तो हम इस बीमारी से निश्चित ही बच सकते हैं—
                 (1)- क्या-क्या खाएं /What to eat
                                   
 - हरी पत्तेदार सब्जियाँ, सूप, सलाद और फल खाएं| मछली और चिकन ग्रिल्ड या रोस्टेड रूप में खाएं|
 - दो से तीन चाय के चम्मच तेल प्रतिदिन ले सकते हैं| वशा रहित दूध भी लें|
 - दिल के दौरे से बचने के लिए प्रतिदिन अदरक का सेवन करें|अदरक की चाय पिए या सूप में अदरक डालकर पिए|
 - प्रतिदिन 30 ग्राम लहसुन खाएं| लहसुन शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और रक्त संचार को ठीक करता है|
                 (2)- क्या-क्या न खाएं /What not to eat 

 - हार्टअटैक से बचने के लिए तला हुआ भोजन, पेस्ट्री, केक, मिठाइयाँ और मांस खाने से हमें बचना चाहिए|
 - सूखे मेवे, नारियल, पापड़, अचार, चिप्स, पनीर नहीं खाना चाहिए|
 - हार्टअटैक से बचने के लिए हमें लाल मांस, अंडे का पीला भाग नहीं खाना चाहिए|
 - हमे वशा युक्त दूध और दुग्ध उत्पाद नहीं खाना चाहिए| तथा अधिक फाइबर युक्त भोजन भी नहीं लेना चाहिए|
 - धूम्रपान न करें, क्योंकि इससे धमनियों की दीवारों को नुकशान पहुंचता है|
 - नमक, चीनी, कैफीन(चाय, कॉफी) की मात्रा सीमित रखें|
 - डिब्बाबंद और जंक फूड से बिलकुल ही परहेज करें|
 उपरयुक्त खान-पान और उचित देख-भाल से ही आप हार्टअटैक जैसी घातक बीमारी से बच सकेंगे| /With the above food and proper care, you will be able to avoid a fatal disease like heart attack.
  दोस्तों ये थी हमारी आज की पोस्ट "हार्ट अटैक और उससे बचने के घरेलू उपाय"| अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आई हो तो लाइक और कमेंट जरूर करें| अगर आप चाहते हैं की इसी तरह के नए-नए पोस्टों के बारे मे और पढ़ने को मिले तो इसके लिए हमारी "घरेलूइलाज/Home remedies" की website yourghareluilaaj.blogspot.com को जरूर subscribe करें,जिससे आपको हमारे नए पोस्टों के बारे मे लेटैस्ट अपडेट मिलती रहे|  हमारी website yourghareluilaaj.blogspot.com को सोसल मीडिया पर भी सेयर कर सकते हैं| आज के लिए बस इतना ही, फिर मिलेंगे कुछ और जानकारी भरे विषय के साथ| धन्यवाद||   
                               

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